जब Mahatma Gandhi को भारी पड़ा Muhammad Ali Jinnah की बातों पर भरोसा करना | Partition 1947

34 просмотров 04.08.2022 00:03:43

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Mahatma Gandhi Vs Muhammad Ali Jinnah: देश आजादी का अमृत महोत्सव (Azadi Ka Amrit mahotsav) मना रहा है। मगर 15 अगस्त 1947 का ज़िक्र आते ही, भारत-पाकिस्तान बंटवारे (India-Pakistan Partition 1947) की दुखद यादें भी ताजा हो जाती हैं। सियासी किस्से में आज बात बंटवारे से जुड़ी ऐसी ही एक घटना की, जब लाहौर (Lahore) के शरणार्थी शिविर रहने वालों की गुहार को महात्मा गांधी (Gandhi Ji) ने सिर्फ इसलिए अनसुना कर दिया क्योंकि उन्हें मोहम्मद अली जिन्ना (Muhammad Ali Jinnah) पर भरोसा था...ये बताने की जरूरत नहीं कि आगे चलकर इस भरोसे की कीमत कितनों को चुकानी पड़ी...इस सियासी किस्से को हम निकालकर लाए हैं, डीजी तेंडुलकर (D P Tendulkar) की क़िताब 'लाइफ ऑफ महात्मा गांधी' (Life of Mahatma Gandhi) के पन्नों से...

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