SSDN Bhajan With Lyrics || गुरुदेव की रहमतं कों || GuruDev Ki Rehmat Ko || Shree Anandpur Dham 2021

161 просмотров 26.05.2021 00:08:20

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गुरुदेव की रहमतं कों,सेवक सदा पाता है-२, सेवक और सतगुरु का, जन्मों का नाता है-२, गुरुदेव की रहमतं कों,सेवक सदा पाता है-२, मन बिन गुरु-कृपा कें, निश्छल कहां होता है-२, बिन नजरें-करम जीवन, उज्जवल कहां होता है-२, बिन रहमतं सतगुरु की, निश्चय कहां आता है-२, सेवक और सतगुरु का, जन्मों का नाता है-२, गुरुदेव की रहमतं कों,सेवक सदा पाता है-२, गुरु-कृपा जीवन की,पीड़ा हर लेती है-२, और नाम की दौलत सें,झोली भर देती हैं-२, फिर सहज अवस्था कों, सेवक पा जाता है-२, सेवक और सतगुरु का, जन्मों का नाता है-२, गुरुदेव की रहमतं कों,सेवक सदा पाता है-२, हर जन्म में सेवक कें,निगरान वों होतें है-२, हर जन्म में अर्जुन कें,रथवान वो होतें है-२, जों शरणं में आता है,रणं जीत के जाता है-२, सेवक और सतगुरु का, जन्मों का नाता है-२, गुरुदेव की रहमतं कों,सेवक सदा पाता है-२, प्रभु भाग्य जगातें है, गुरु सन्त मिलाते है-२, पर नर सें नारायण, गुरुदेव बनातें है-२, सेवक-जन जड़-पत्थर, सतगुरु र्निमाता है-२, सेवक और सतगुरु का, जन्मों का नाता है-२, गुरुदेव की रहमतं कों,सेवक सदा पाता है-२, शुभ-रुहों कों दासां, गुरुदेव जगातें है-२, जब उचित समय आता,चरणों सें लगातें है-२, लोहा भी छूं करकें,पारस बन जाता है-२, सेवक और सतगुरु का, जन्मों का नाता है-२, गुरुदेव की रहमतं कों,सेवक सदा पाता है-२, श्री सतगुरु देवाय नमः सभी प्यारें गुरुमुखों को सप्रेम जय गुरां दी जय सचिदानंद जी

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